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उत्तराखंड

फॉगोत्सव के दौरान रंग धारण व चीर बंधन कार्यक्रम सम्पन्न , जानें क्या हैं ये परम्परा।

रितेश सागर:

नैनीताल । नगर में श्रीराम सेवक सभा द्वारा 26वां  फागोत्सव मनाया जा रहा है ,जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन सभा ने किया है , इसी क्रम में आज रविवार को चीरबन्धन परम्परा का विधिवत शुभारंभ आचार्य भगवती प्रसाद जोशी के द्वारा पूजा अर्चना के साथ किया गया ।

बताते चले कि कुमाऊँ में होली तीन चरणों मे मनाई जाती हैं प्रथम चरण पौष माह का पहला रविवार दूसरा चरण वंसन्त पँचमी व होली का तीसरा चरण अर्थात् खड़ी होली का प्रारम्भ आमल की एकादशी फा.शु. यानी आज से होता है। आज से रंगभरी खड़ी होली प्रारम्भ हो जाती है यानी आज से होल्यार मस्तक पर रंग लगाना शुरू कर देते है व इससे पूर्व चीर बन्धन परम्परा मनाई जाती है किसी प्रांगण में या खुले सार्वजनिक स्थान में बांस या चीड़ का एक लम्बा ध्वजस्तम्भ लेकर गाड़ा जाता है, जिसे चीरवृक्ष या चीर का आरोपण कहा जाता है। इसके सिरे पर प्रत्येक घर से लाये गये अबीर-गुलाल से रंगे सफेद नये वस्त्रों का टुकडो को बांधा जाता है जिन्हें चीर कहा जाता है।फिर पुरोहित के द्वारा मंत्रोच्चार पूर्वक इस पर अबीर-गुलाल छिड़क कर उसके मूल में काष्ठ संचय किया जाता है जिसमें होलिका दहन के दिन तक अभिवृद्धि की जाती रहती है। इसे स्थापित करने के बाद इसके चारों ओर घूमते हुए खड़ी होली गायी जाती है कहीं कहीं पर चीर अपहरण की भी परम्परा है होल्यार अपनी चीर की रखवाली करते है अगर किसी ने चीर का अपहरण कर लिया तो कहते है की जब जिनकी चीर चोरी हुई है वो भी इस तरह से चीर का अपहरण नही कर लेते तब तक वह इस परंपरा का निर्वहन नही कर सकेंगे। इस अवसर पर रामसेवक सभा प्रांगण में चीर के चारो तरफ मनभावन रंगोली भी बनाई गई।

इस मौके पर रामसेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी मंटू, विमल चौधरी, विमल साह,अशोक साह,घनश्याम लाल साह,हरीश गुरुरानी,किसन नेगी,कमलेश डौडियाल , कुंदन नेगी, गिरीश जोशी मक्खन, मिथिलेश पांडे,गोधन सिंह, भीम सिंह कार्की,आशु बोरा, किरण साह,अरविंद पडियार, आनन्द बिष्ट,त्रिभुवन फर्त्याल, मोहित साह,राजेन्द्र व्यास आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन प्रो0 ललित तिवारी ने किया ।

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