उत्तराखंड
नैनीताल की होली कौमी एकता और भाईचारे की मिसाल, 26 वर्षों से हिंदू-मुस्लिम एक साथ माना रहे होली
नैनीताल की होली कौमी एकता और भाईचारे की मिशाल देश और दुनिया को देती है। नैनीताल में होली महोत्सव का आयोजन 26 सालों से हिंदू और मुस्लिम मिलकर करते हैं और आपसी भाईचारे का संदेश समाज को देते हैं। युगमंच संस्था की ओर से होली का आयोजन कर रहे जहूर आलम कहते हैं कि जब से इस आयोजन को किया गया है तब से संस्कृति संवर्धन में भी बड़ा फायदा हुआ है। युवा वर्ग भी अपनी परम्परा से जुड़ रहा है और समाज को भी एक मैसेज दे रहे हैं कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
नगर की युगमंच संस्था 13 मार्च रविवार से होली का आयोजन करने का जा रहा। 13 मार्च को मां नयना देवी मंदिर में खड़ी होली का आयोजन होगा। उसके बाद विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यूं तो पूरे देश में होली का पर्व मनाया जाता है, लेकिन कुमाऊं की खड़ी होली का अपना ही अलग रंग है गौरवशाली परम्परा समेटे पहाड़ की होली का ये ऐसा रंग उत्तराखंड के कुमाऊं में ही देखा जाता है। ढोल और रागों पर झूमने के साथ इस होली में गौरवशाली इतिहास का वर्णन होता है तो होल्यार भी इसके रंग में रंग जाते हैं।
पिछले 32 वर्षों से नैनीताल समाचार के पटांगण में हो रही पारम्परिक होली इस बार बुधवार, 16 मार्च त्रयोदशी को होगी। इस अवसर पर वरिष्ठ होलियार ज़हूर आलम को सम्मानित किया जायेगा।