Connect with us

उत्तराखंड

*बनभूलपुरा दंगा- मुख्य अभियुक्त को जमीन कब्जाने के मामले में हाईकोर्ट से जमानत*

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा कांड के साजिशकर्ता आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के मामले में अब्दुल मलिक को जमानत दे दी। हालांकि, हिंसा फैलाने के आरोपों में अभी उसे राहत नहीं मिली है।

मामले के अनुसार, अब्दुल मलिक के खिलाफ बनभूलपुरा दंगे के दौरान चार मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से एक मुकदमा कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का था। मलिक पर आरोप है कि उसने नजूल भूमि पर कब्जा कर प्लॉटिंग और अवैध निर्माण किया, फिर इन प्लॉटों को बेच दिया। राज्य सरकार ने मलिक की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बनभूलपुरा कांड की शुरुआत इसी अवैध कब्जे से हुई थी।

जब प्रशासन अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए गया, तो उन पर पथराव किया गया, जिससे हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए थे, जबकि पांच लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। राज्य सरकार का कहना था कि इस हिंसा में मलिक की अहम भूमिका थी, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

वहीं, मलिक के वकील ने कहा कि उनके मामले का संबंध हिंसा से नहीं है, और इसलिए जमानत दी जाए। इस पर हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि मलिक को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के मामले में जमानत दी जा सकती है, लेकिन हिंसा से संबंधित आरोपों में फिलहाल राहत नहीं दी जा सकती।

 

पूरे मामले का सार: 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस और प्रशासनिक टीम पर हमला कर दिया गया था। इस हमले में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे और पांच लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना परिसर में भी आग लगा दी थी। इस जमीन का संचालन अब्दुल मलिक द्वारा किया जा रहा था, जिस पर अवैध निर्माण और कब्जे के आरोप लगे हैं।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

More in उत्तराखंड