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उत्तराखंड

*आयुक्त के निर्देश- क्रेताओं को भूमि न देने पर विक्रेता के खिलाफ दर्ज हो मुकदमा*

हल्द्वानी। कैम्प कार्यालय में आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने शनिवार को जनसुनवाई का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने मौके पर ही शिकायतों का समाधान किया। जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतें भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद, पीएफ भुगतान, अतिक्रमण, सड़क, और नालियों की सफाई से संबंधित थीं।

आयुक्त ने भूमि संबंधित विवादों की शिकायतों पर चर्चा करते हुए कहा कि जमीन खरीदने से पहले राजस्व विभाग से संबंधित जानकारी अवश्य जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि भूमि विवाद की शिकायत में आमतौर पर जानकारी की कमी होती है, जिसके कारण लोग गलतियां करते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भविष्य में भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जानकारी की कमी भी एक अपराध है, इसलिए सभी जानकारियां होना आवश्यक है।

आयुक्त ने शिकायतकर्ताओं से कहा कि वे जनसुनवाई में पूर्ण जानकारी और दस्तावेजों के साथ आएं, ताकि उनकी शिकायतों का सही समाधान किया जा सके।

भूमि विवाद में लगभग 25 लोगों ने शिकायत की कि उन्होंने सुन्दरपुर रैक्वाल गौलापार में दीपांशु बेलवाल से लगभग 6 बीघा जमीन खरीदी थी और इसके लिए लगभग 2 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन किया गया था। आयुक्त ने उपजिलाधिकारी और तहसीलदार हल्द्वानी को तलब किया और विक्रेता को निर्देश दिए कि वह सभी को भूमि उपलब्ध कराए या धनराशि वापस करे, अन्यथा लैंड फ्रॉड एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गौजाजाली के निवासियों ने बाईपास पर ट्रंचिंग ग्राउंड में आग लगाने की समस्या उठाई, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। आयुक्त ने नगर आयुक्त विशाल मिश्रा को स्थलीय निरीक्षण करने और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए।

जनसुनवाई में दिनेशपुर निवासी जगमोहन ने नालियों की सफाई की कमी की शिकायत की, जबकि कोटाबाग निवासी चित्रानंदन ने पीएफ भुगतान नहीं होने की शिकायत की। रूद्रपुर निवासी राजेंद्र सिंह ने 4 वर्षों से प्लॉट का दाखिल-खारिज न होने की समस्या बताई।

जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतों का आयुक्त द्वारा मौके पर ही समाधान किया गया, और दमुवाढूगा के निवासियों ने सर्वेक्षण के लिए आयुक्त का धन्यवाद किया।

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