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उत्तराखंड

*दहेज उत्पीड़न में आरोपित पति जिला कोर्ट से दोषमुक्त* *अधिवक्ता प्रमोद तिवारी की दमदार पैरवी के चलते मिला इंसाफ*

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नैनीताल। शादी के दो दिन बाद ही विवाहिता ने पति सहित ससुरालियों पर दहेज में एक लाख नगद व आडी कार की मांग करते हुए मारपीट व दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में अदालत में महिला का आडी कार की डिमांड करने का आरोप साबित नहीं हुआ। प्रथम अपर सिविल जज व न्यायिक मजिस्ट्रेट रुचिका गोयल की कोर्ट ने आरोपित पति को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया।

21 नवंबर 2011 को भीमताल निवासी युवती का विवाह ग्राम सिन्धरा, जिला बदायूं उत्तर प्रदेश के प्रदीप कुमार से हुआ था। आरोप था कि शादी के दो दिन बाद ही विवाहिता को दहेज कम लाने के लिए ताने दिए जाने लगे और एक लाख नकदी व आडी कार की मांग की गई। यह भी आरोप था विवाहिता के पति प्रदीप कुमार ने 24 नवंबर 2019 को यह कहकर उसे मायके छोड़ दिया कि जब एक लाख नकदी व आडी कार आएगी तभी ससुराल आना, अन्यथा जान से मार दिया जाएगा।

युवती की तहरीर पर पुलिस ने उसके प्रति प्रदीप कुमार के विरुद्ध दहेज प्रतिषेध अधिनियम समेत कई धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रमोद कुमार तिवारी ने मामले की पैरवी की। मारपीट का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया। पुलिस के आरोप पत्र तथा अभियोजन व ‘बचाव पक्ष की दलीलों, गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपित प्रदीप कुमार को दहेज उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं के अभियोग में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया।

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