उत्तराखंड
*राजीव लोचन साह की प्रशासन से ताकुला की ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट होने से बचाने की अपील*
नैनीताल। राजीव लोचन साह ने नैनीताल के जिलाधिकारी को पत्र भेज कर ताकुला की ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट करना बंद करने की अपील की है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि ताकुला, जिसे गांधी ग्राम भी कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ का ऐतिहासिक महत्व गांधी जी के साथ जुड़ा हुआ है, जिन्होंने 1929 में ‘गांधी मंदिर’ का शिलान्यास किया था। यह वह स्थान है जहाँ गांधी जी ने 1931 में निवास भी किया, और आज भी यहाँ उनकी यादों से जुड़ी कई वस्तुएँ मौजूद हैं, जैसे चांदी की कन्नी और काँसे की थाली।
उन्होंने कहा है कि मेरे नाना, गोविन्द लाल साह सलमगढ़िया, के साथ गांधी जी का गहरा संबंध था। उनके द्वारा लिखे गए कई पोस्टकार्ड, जो दुर्भाग्यवश अब मिल नहीं पा रहे हैं, गांधी स्मारक निधि में अवश्य होने चाहिए। ताकुला में वह देवदार का वृक्ष, जिसके नीचे बापू ने प्रार्थना की थी, आज भी विद्यमान है।
यह भी कहा है कि मैंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों के सामने ताकुला के विकास के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी। पूर्व मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और राज्यपाल मोतीलाल वोरा को भी इस स्थल के महत्व से अवगत कराया, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। शैलेश बगौली जैसे कुछ लोगों ने पहल की, लेकिन वह भी कहीं अटक गई।
हाल के वर्षों में ताकुला के विकास के बारे में नई-नई बातें सुन रहा हूँ, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगती है। अब मेरी शक्ति पहले जैसी नहीं रही कि मैं आंदोलन खड़ा कर सकूँ, लेकिन मैं चाहता हूँ कि गांधी जी के विचारों पर आस्था रखने वाले एकजुट हों और इस पुण्य भूमि की रक्षा करें।
उन्होंने पत्र में कहा है कि आप लोग, जो प्रशासन में हैं, आपके पास संविधान प्रदत्त अधिकार हैं, लेकिन साथ ही साथ यह भी समझें कि जनता की आवाज सुनना भी आपकी जिम्मेदारी है। ताकुला की ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट करना बंद करें। यह हमारी सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसे सहेजने की आवश्यकता है।