उत्तराखंड
*विकास के स्वप्न दिखाकर दिया विद्युत वृद्धि दर का झटका, महंगाई बढ़ाने के लिए नहीं दिया था वोट: खष्टी बिष्ट*
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने लोकसभा चुनाव बाद तुरंत ही विद्युत दरों में इजाफा कर पूरे प्रदेश में भूचाल खड़ा कर दिया है। दरअसल हर मोर्चे पर फेल यह सरकार जनता को हर तरफ से लूटने व छलने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है।
एक सर्वे के अनुसार मध्य व निम्न आय वाले उपभोक्ता के लिए प्रति यूनिट लगभग 50 पैसे विद्युत दर में बढ़ोतरी वित्तीय संकट से कम नहीं है। वहीं फिक्स चार्ज के साथ-साथ प्रति यूनिट में भी बढ़ोतरी से महंगाई के दौर में निम्न आय वाले उपभोक्ताओं की वित्तीय स्थिति पर डाका है।
गौरतलब है कि सरकार की ढुलमुल नीति के कारण इतने बड़े प्रदेश में भरपूर जल संसाधन होने पर भी हमें बिजली खरीदनी पड़ती है और पहले से लगी परियोजनाओं से अपना पल्ला झाड़ कर बिजली कंपनियां भाग रही हैं। वहीं निम्न आय वर्ग की उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट ऊंट के मुंह में जीरा है। तथा 100, 200, 400 के स्लैब में विद्युत यूनिट उपयोग के आधार पर बढ़ोतरी करना, सिर्फ उपभोक्ताओं को संख्या के जाल में उलझाने के अलावा कुछ भी नहीं।
पीसीसी सचिव व जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती खष्टी बिष्ट ने कहा, कि देश में बेलगाम होती महंगाई,व बेरोजगारी से जहां प्रदेश की जनता सदमे में हैं, वहीं लगभग 20 लाख उपभोक्ता परिवार इस झटके को सहन करने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है। प्रति माह बढी हुई विद्युत दर के बोझ किसी को भी स्वीकार नहीं है। तथा श्रीमती बिष्ट ने कहा यदि इन दरों को वापस ना लिया गया तो, व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा। आखिर आम जनता महंगाई के बोझ तले कब तक दबती रहेगी।सरकार जवाब दे?