उत्तराखंड
*ग्रामीणों ने हांककर तहसील कार्यालय में बांधे अवारा पशु, जताया रोष*
लालकुआं। आवारा गोवंश के कारण खेती किसानी चौपट होने और लगातार जारी सड़क दुर्घटनाओं से परेशान ग्रामीणों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में ‘सरकारी आवारा गोवंश को सरकार के हवाले करो’ कार्यक्रम के अंतर्गत सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुषों ने आवारा गाय बैलों को हांककर तहसील कार्यालय लालकुआं में बांधने के पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आवारा गोवंश को तहसील में बांधा।
कार्यक्रम के समर्थन में पहुंचे भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने इस अवसर पर कहा कि, भाजपा के लिए गाय भी सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम है, उनकी दुर्दशा से भाजपा का कोई सरोकार नहीं है। अगर ऐसा न होता तो भाजपा की सरकारें आवारा होते गौवंश से खेती, मनुष्य जीवन और खुद इन्हें बचाने के प्रभावी उपाय करती।
अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, आवारा गाय बैलों से खेती किसानी संकट में पड़ गई है और सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन सरकार असंवेदनशील होकर उदासीन बनी हुई है। सरकार को तत्काल इसका उपाय करना होगा अन्यथा यह परिदृश्य एक बड़ी आपदा की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि, आवारा गाय, बैल, बछड़ों की बढ़ती संख्या और जनता के बीच इसको लेकर बढ़ते असंतोष से निपटने के लिए गौ शालाओं को समाधान के रूप में पेश किया जा रहा है। बीते वर्षों में राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में सैकड़ों गायों के देखरेख के अभाव में गौशालाओं में मरने की बात सामने आई थी।
देहरादून के सरकारी कांजी हाउस में भी पिछले वर्ष समुचित देखरेख के अभाव में गायों के मरने का मामला सामने आया था। इसलिए यह स्पष्ट है कि गौशालाओं में गायों को सिर्फ गौ शाला संचालकों को सरकारी अनुदान का लाभ दिलाने के लिए भेजा जा रहा है।
किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, किसान महासभा का स्पष्ट रूप से मानना है कि आवारा गोवंश पशुपालक प्रदत्त आपदा नहीं है यह बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में सरकार जनित आपदा है इसके सम्पूर्ण नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की है।