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*बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए अलग सैल बनाने की आवश्यकताः डॉ खन्ना*

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हल्द्वानी। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ0 गीता खन्ना की अध्यक्षता में बाल अधिकारों एवं बाल सुरक्षा पर नगर निगम सभागार में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्याशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ. खन्ना ने कहा कि बाल्यावस्था को प्रभावित करने वाले कारण जैसे हिंसाए, घरेलू हिंसा, बाल तस्करी, बाल श्रम, प्रताड़ना तथा शोषण आदि मामलों पर अंकुश लगाना है। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी करने तथा बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम करने हेतु अलग सैल बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यह प्रयास कर रही है कि  सरकारी/प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के शोषण को कैसे कम कर सके।

डॉ0 खन्ना ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उत्तराखण्ड में शोषण के अत्यधिक  मामले आ रहे, इन सब मामलों में हम सबकी एक नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों की पुनरावृति ना हो इसके लिए सम्बन्धित विभागों के लिए जैसे शिक्षण संस्थान, समाज कल्याण, महिला कल्याण, पुलिस, आरटीओ, श्रम विभाग आदि विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाए।

उन्होंने कहा किसी भी तरह की घटनाओं पर चाइल्ड हैल्प लाईन न0 1098 पर सम्पर्क कर सूचना दे सकते है ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लग सके। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि समय-समय पर चैकिंग अभियान चलाया जाये।

कार्यशाला में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 हरीश पंत, जिला शिक्षाधिकारी एस बी चन्द्र, आरटीओ रश्मि भट्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी वर्षा,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आरपी पंत, के साथ पुलिस, शिक्षा, परिवहन विभाग के कर्मचारियों के साथ ही विभिन्न स्कूली छात्राऐं उपस्थित रहे।

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