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नैनीताल में जलवायु परिवर्तन को लेकर अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
नैनीताल। कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर के भूगोल विभाग के सहयोग से नैनीताल में कटिंंग एज साल्यूशंस इन साइंस:एग्रीकल्चर टेक्नोलाजी,इंजीनियरिंग एंड ह्यूमैनिटिज विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरु हो गयी है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के असि0 प्रोफेसर डा. पी. सी. चन्याल (आयोजक सचिव) तथा डा. वाजिद हसन (चीफ ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री) केवीके जहानाबाद पटना बिहार के संयुक्त प्रयास से भूगोल विभाग डीएसबी परिसर नैनीताल तथा उधम सिंह नगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी चितवन नेपाल शेरे बंगला युनिवर्सिटी बांग्लादेश, मिडवेस्ट यूनिवर्सिटी नेपाल ,टसर इंस्टीट्यूट रांची, हर्बल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट चमोली, सीएसबी टसर सिल्क सीड ऑर्गेनाइजेशन बिलासपुर छत्तीसगढ़ द्वारा संयुक्त रूप से यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। संगोष्ठी जिसका शीर्षक कटिंग एज सॉल्यूशंस इन साइंस एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंड शुभारंभ
किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डा. करुणाश्री डायरेक्टर ऑफ एक्सटेंशन, डा. वाई एस आर हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के द्वारा की गई। सम्मेलन सत्र के दौरान प्रो. नीता बोरा शर्मा निदेशक डी एस बी परिसर नैनीताल, कला संकाय अध्यक्ष प्रो. पदम बिष्ट,डा. दिव्या जोशी, डा. करण सिंह धामी नेपाल, डा. हरिकेश सिंह उत्तर प्रदेश, डा. अली आर ए मुर्सी मिस्र सम्मानित प्रोफेसर गेस्ट ऑफ ऑनर रहे। सभी द्वारा कॉन्फ्रेंस का सोविनियर प्रकाशित किया गया। अतिथियों का स्वागत भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो.आर सी जोशी द्वारा किया गया।
सेमिनार के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव का हिमालय के कृषि, ग्लेशियर, जल संसाधन एवम आपदाओं पर होने वालें विशेष प्रभावों पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि करुणाश्री द्वारा चिंता जताई गई कि जलवायु परिवर्तन का मुख्य प्रभाव कृषि आधारित फ सलों पर नकारात्मक रूप से पड़ रहा है जो अब पोषक तत्वों की कमी के रूप में सामने आ रहा है। यह भविष्य में मानवता के लिए संकट उत्पन्न होने की स्थिति होगी।