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उत्तराखंड

*27 अगस्त को हड़ताल पर रहेंगे नैनीताल बैंक के कर्मचारी*

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नैनीताल बैंक के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से आंदोलनरत हैं तथा आने वाली 27 तारीख को हड़ताल पर रहेंगे।

नैनीताल बैंक जो कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा का अनुसांगिक बैंक है, जिसमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा की 98.57% अंशधारिता है। अब बैंक ऑफ़ बड़ौदा अपनी अंशधारिता को बेचकर नैनीताल बैंक का परिचालन प्राइवेट हाथों में देने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है जिससे बैंक के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। नैनीताल बैंक अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों की भांति ही विगत 102 वर्षों से कार्य कर रहा है जिस कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पूर्व में कई बार बैंक ऑफ़ बड़ौदा को नैनीताल बैंक का अधिग्रहण कर अपने में विलय हेतु आदेशित कर चुका है तथा जून 2022 में एक बार फिर आरबीआई द्वारा वित्त मंत्रालय को पत्र लिख नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ़ बड़ौदा या किसी अन्य पब्लिक सेक्टर बैंक में अविलंब विलय हेतु अपनी संस्तुति दी है।

नैनीताल बैंक के कर्मचारियों का आरोप है कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा नैनीताल बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को वर्ष 2017 से प्राइवेट हाथों में बेचने की कोशिश कर रहा है जिसके फलस्वरूप नैनीताल बैंक के कर्मचारी इस मामले को लोकसभा की याचिका समिति तक लेकर गए। अंशधारिता कम करने के लिए जिस डिजिटल वेंचर को सुरु किया गया था, उसमें बैंक के लगभग 10करोड़ रुपए खर्च हुए थे।16वीं लोकसभा की याचिका समिति की जांच में उक्त डिजिटल वेंचर में अनियमितताएं पाई गई, जिस कारण उसे बंद कर दिया गया तथा समिति ने वर्ष 2018 में नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ़ बड़ौदा में विलय की संस्तुति दी थी, तथा वर्ष 2020 में 17वीं लोकसभा की याचिका समिति ने भी एक बार पुनः नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ़ बड़ौदा में विलय हेतु वित्त मंत्रालय को आदेशित किया था, परंतु अब तक उक्त संस्तुति पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है जिसे लेकर नैनीताल बैंक कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल ने सांसद अनिल बलूनी के नेतृत्व में विगत जनवरी माह में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से भी मुलाकात की थी। तब वित्त मंत्री ने चुनाव बाद इस पर कार्यवाही का आश्वासन दिया था।

नैनीताल बैंक के कर्मचारी और अधिकारी संगठन ने संयुक्त रूप से नैनीताल बैंक यूनाइटेड फोरम के तहत अगस्त 8, 2024 को बैंक प्रबंधन को अपना मांगपत्र दिया था और अपनी मांगें न मानने पर 27 अगस्त को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का नोटिस दिया था, परन्तु अगस्त 14, 2024 को असिस्टेंट लेबर कमिश्नर- कानपुर की मध्यस्थता पश्चात भी बैंक प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तथा वार्ता विफल हो गई।

कर्मचारी संगठन के महासचिव प्रवीण साह ने बताया कि बैंक के कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा। बैंक 102 वर्षों से अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों की तरह कार्य कर रहा है। नैनीताल बैंक के विनिवेश को रोकते हुए इसका विलय बैंक ऑफ बड़ौदा या किसी अन्य पब्लिक सेक्टर बैंक में कर दिया जाय जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जून 2022 में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी संस्तुति दी है।उन्होंने आगे बताया कि कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए आर- पार की लड़ाई लड़ेंगे जिसके लिए उन्हें सड़कों पर भी उतरना पड़े तो जरूर उतरेंगे। नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अभय गुप्ता ने कहा कि नैनीताल बैंक के कर्मचारी अभी बैंक ऑफ़ बड़ौदा के अनुसांगिक बैंक में अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों की तरह कार्य कर रहे हैं, जहां कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित है, तो क्यों हम प्राइवेट हाथों में जाकर अपने भविष्य को असुरक्षित करें। नैनीताल बैंक का विलय बैंक ऑफ़ बड़ौदा में किया जाना ही कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने का एकमात्र उपाय है।

वहीं अधिकारी संगठन के महासचिव पीयूष पायल ने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगें निम्नवत हैं –

* नैनीताल बैंक को विनिवेश के नाम पर प्राइवेट हाथों में बेचना बंद करो

* बैंक कर्मचारियों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करो

* कर्मचारियों की सेवा शर्तों में एकतरफा बदलाव बंद करो

* कर्मचारियों की सेवा शर्तों को सुरक्षित करो

* याचिका समिति (लोकसभा) की सिफ़ारिश लागू करो

* रिजर्व बैंक (RBI) की सिफ़ारिश लागू करो

* कर्मचारियों – अधिकारियों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करो

* डिसइनवेस्टमेंट के नाम पर बैंकिंग लाइसेंस बेचना बंद करो

* डिजिटल वेंचर व आईटी अपग्रेडेशन में हुई अनियमितता की जांच करो

* बिना जांच पूर्ण हुए निलंबित किए अधिकारियों का निलंबन वापस लो

* बिना लिखित परीक्षा कर्मचारियों की भर्ती बंद करो

पीयूष पायल ने आगे बताया कि समस्त कर्मचारी अधिकारी विरोधस्वरूप हाथों में काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे हैं। बैंक ऑफ़ बड़ौदा और नैनीताल बैंक प्रबंधन हमारी मांगों पर ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं। हमारी 27 अगस्त की हड़ताल सांकेतिक है, अगर मांगें नहीं मानी गई तो आगे उन्हें और कठोर कदम उठाने पड़ेंगे जिसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल भी सामिल है जिसके लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रबंधन और नैनीताल बैंक प्रबंधन पूर्ण रूप से जिम्मेदार रहेंगे।

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