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उत्तराखंड

*मुक्तेश्वर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को पुनः शुरू करने की मांग*

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पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने सदन में प्रश्न उठाते हुए नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई को पुनः शुरू किए जाने की मांग की।

श्री भट्ट ने लोकसभा सदन में प्रश्न उठाते हुए बताया कि जनपद नेनीताल के अन्तर्गत मुक्तेश्वर में स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI)  संस्थान की स्थापना 1889 में भयंकर रोगों से भारतीय पशुधन सम्पदा के बचाव हेतु शोध कार्य करने के लिए इम्पीरियल बैक्ट्रोलॉजीकल प्रयोगशाला (Imperial Bacteriological Labrotory IBL) के नाम से हुई थी।

इसे “मदर इन्पुट” का दर्जा दिया गया। तत्पश्चात् इस क्षेत्र का दुर्भाग्य रहा कि इसका मुख्यालय इज्जतनगर बरेली में स्थानांतरित कर दिया गया और वॉयरोलॉजी, खुरपका मुहंपका एवं शीतोष्ण पशु इकाई परियोजना को छोड़कर अन्य सभी शोध इकाई को इज्जतनगर स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि मुक्तेश्वर में अन्य अनेक जानवरों में जानलेवा

बीमारी खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, पौक्स, चेचक, पी०पी०आर० रानीखेत डीजीज में कार्य कर वैक्सीन तैयार करने एवं रिण्डर पेस्ट बीमारी की वैक्सीन तैयार करने के बाद तुरन्त खुरपका-मुंहपका बीमारी की वैक्सीन तैयार कर इस बीमारी पर देश में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में नियंत्रण कर लिया गया। किन्तु इस क्षेत्र का दुर्भाग्य रहा कि खुरपका निदेशालय के मुख्यालय तथा शोध परियोजना उपकरण सभी उड़ीसा स्थानांतरित कर दिए गए थे और इस शोध इकाई को भी कम कर दिया गया है।

जैसा कि हिमालय के शोध कार्य किये जाने हेतु उपयुक्त तापमान में शोध कार्य किये जाने पर इस शोध संस्था के अन्तर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अन्तर्गत सबसे ज्यादा वैक्सीन तैयार कर ली गई है और आज भी वैज्ञानिक अन्य वैक्सीन तैयार कर ट्रॉयल पर पहुंचा रहे है।

श्री भट्ट ने कहा कि वह सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग करते है कि उत्तराखण्ड राज्य में स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) को पुनः स्थापित किया जाए।

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