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उत्तराखंड

*नरेंद्र मोदी ने ली प्रधानमंत्री पद की शपथ, नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी*

18वीं लोकसभा के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत के बाद भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही मोदी ने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। मोदी 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 17वीं लोकसभा के चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद वह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।

नेहरू 1947 से स्वतंत्रता के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनकी मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी और वह उस समय भी देश के प्रधानमंत्री थे। साल 1952 में हुए पहले आम चुनाव में जीत के बाद वह पहली बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1957 और 1962 के आम चुनावों में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की और नेहरू फिर देश के प्रधानमंत्री बने।

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। उसे 240 सीटें मिली हैं। हालांकि, भाजपा नीत राजग ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। इसके बाद राजग की बैठक में मोदी को पिछले दिनों भाजपा और राजग संसदीय दल का नेता चुना गया था।

रोचक तथ्य यह है कि 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार अपने दो कार्यकाल पूरे करने के बाद तीसरी बार सत्ता में आई है। इसी के साथ नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं की सूची में शामिल हो चुके हैं।

नई मोदी सरकार में 72 मंत्री शपथ ले रहे हैं

प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं।

मंत्रिमंडल में भारत के 24 राज्यों के साथ-साथ सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व

सभी सामाजिक समूहों का नेतृत्व – 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी, 5 अल्पसंख्यक – जिसमें मंत्रालयों का नेतृत्व करने वाले रिकॉर्ड 18 वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं।

11 एनडीए सहयोगी दलों से मंत्री भी शामिल हैं।

43 मंत्री संसद में 3 या उससे अधिक कार्यकाल तक सेवा दे चुके हैं, 39 पहले भी भारत सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

कई पूर्व मुख्यमंत्री, 34 राज्य विधानसभाओं में सेवा दे चुके हैं, 23 राज्यों में मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

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