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उत्तराखंड

*एक साल नौ महीने जेल में रहने के उपरांत अभियुक्त दोष मुक्त, ट्रेन में मोबाइल चोरी का है मामला*

हल्द्वानी। ट्रेन में चोरी के अभ्यासरत होने के अपराध में 1 वर्ष 9 माह जेल में रहने के उपरांत अभियुक्त को अपर मुख्य जिला जज हल्द्वानी प्रथम द्वारा दोष मुक्त किया गया है।

मामले के अनुसार अभिषेक कुमार गुप्ता द्वारा अपनी तहरीर की आरती थाना काठगोदाम में हिसाब से सीधी की  9 जुलाई 2022 को दिल्ली से काठगोदाम रानी की एक्सप्रेस से काठगोदाम जा रहा था। सीट नंबर 25 कोच ए के सेकंड स्लीपर सुबह का समय फोन चार्जिंग में लगाया था। अपनी सीट पर लौटा तो काठगोदाम स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि फोन गाड़ी में नहीं है। थाना जीआरपीएफ द्वारा इस संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 6/ 2022 अंतर्गत धारा 380 411 413 भारतीय दंड संहिता के तहत मुलजिम अभिजीत कुमार बिट्टू निवासी धोबीघाट तलिताल जिला नैनीताल को 16 नवंबर 2022 गिरफ्तार कर जिला कारागार हल्द्वानी में अनिरुद्ध किया गया।

समस्त विवेचना के उपरांत विवेचक  द्वारा संपूर्ण विवेचना की उपरांत अभियुक्त अभिजीत के विरुद्ध माननीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे की न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित कर केस का विचारण  प्रारंभ करवाया गया। अभियुक्त अभिजीत के ऊपर 413 भारतीय दंड संहिता की धारा होने के कारण उपरोक्त वाद को रेलवे कोर्ट  से प्रथम अपर जिला जज हल्द्वानी में स्थानांतरण किया गया कुल मिलाकर अभियोजन ने अपना वाद को साबित करने के लिए आठ गवहो को न्यायालय में परीक्षित कराया गया। अभियुक्त अभिजीत की ओर से विधिक सेवा प्राधिकरण से 6 माह पूर्व  न्याय मित्र अधिवक्ता हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन सिंह मेहरा को नियुक्त किया गया।

अधिवक्ता राजन मेहरा द्वारा 6 माह में अपनी उचित पैरवी करने गवाहों की गवाही में अत्यधिक विरोधाभास लाने और अभियुक्त से किसी प्रकार की रिकवरी ना किसी भी व्यक्ति द्वारा ट्रेन से अभियुक्त को चोरी करते हुए ना देखने सीसी कैमरा में अभियुक्त का नहीं होने अभियुक्त से अभियोजन पक्ष द्वारा अभ्यासरत चोरी करने के संबंध में कोई अपराधिक इतिहास अभियोजन पक्षी द्वारा साबित न कर पाने 1 वर्ष 9 माह से जेल में अनिरुद्ध अभियुक्त अभिजीत को न्यायालय प्रथम अपर जिला जज हल्द्वानी  अमरिंदर सिंह द्वारा दोष मुक्त किया गया। अभियुक्त को थाना पुलिस द्वारा गलत फसाई जाने एवं गलत विवेचना करने के आधार पर  कुल मिलाकर गरीबी होने और उचित पर भी नहीं कर पाने के कारण 1 वर्ष 9 माह तक जेल में रहना पड़ा।

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