उत्तराखंड
*जन भावनाओं और संघर्षों से बना है राज्य, हर किसी को करना चाहिए सम्मानः जोशी*
नैनीताल। नैनीताल जिला बार एसोशिएशन के अध्यक्ष मनीष मोहन जोशी ने नैनीताल को न्यायिक राजधानी बताया है। कहा है कि नैनीताल को कुमाऊं का मुकुट है। जन-भावनाओं और संघर्षो से बने राज्य का हर किसी ने सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद पहाड़ी राज्य मिला। अब हाईकोर्ट शिफ्टिंग के नाम पर पहाड़ की मूल अवधारणा से ही खिलवाड़ हो रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार सरकारी संस्थानों का पलायन हो रहा है। जिससे राज्य अपने मूल अस्तित्व को खोते जा रहा है। जोशी ने कहा कि राज्य बनने के बाद हल्द्वानी में परिवहन आयुक्त मुख्य वन जीव प्रतिपालक वन संरक्षक वानाग्नि नियंत्रण वन संरक्षण पर्यावरण सहित संन्निर्माण कर्मकार कल्याण के दफ्तर खुले। जिन्हें कुछ ही वर्षो में देहरादून शिफ्ट कर दिया गया।
कहा कि हाईकोर्ट के लिए मेट्रोपोल एटीआई सहित कुमाऊं विश्वविद्यालय के भवन का उपयोग करने के साथ ही पटवाडांगर में 103 एकड़ सैनिटोरियम में भी सैकड़ों एकड़ भूमि व भवन उपलब्ध है। वहीं भवाली में उजाला अकादमी भी है। जिसमें आये दिन न्यायाधीशों व अधिवक्ताओं का आना-जाना होता है। कहा कि वर्ष 2009 में क्षेत्र में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की घोषणा होने के बावजूद वर्ष 2017 में इसका भूमि पूजन डोईवाला में कर दिया गया जो उचित नही यदि कुमाऊं से बढ़े संस्थानों का सुविधाओ के नाम पर इसी तरह पलायन जारी रहा तो फिर पहाड़ी राज्य का औचित्य ही किस तरह बचेगा।