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उत्तराखंड

*होली खेलने के दौरान रखेंगे इन बातों का ध्यान, तो बना रहेगा त्योहार का उल्लास*

त्योहार हमारे जीवन में कई रंग भरते हैं। होली तो खुद रंगों का त्योहार है। इसमें उल्लास ऐसा होता है कि आप सारे दुख-दर्द भूलकर बस इस त्योहार की मस्ती में डूब जाना चाहते हैँ। आज इतनी आपाधापी भरी जिंदगी में अपनों से मिलने-जुलने का मौका मिले तो इससे अच्छी बात क्या होगी। अनचाहे तनाव से निजात मिलता है और मन बाग बाग हो जाता है। हालांकि इस त्योहार में उत्साह व रोमांच का स्तर ऐसा रहता है कि कई बार यह खतरनाक रूप ले सकता है। रंगों के कारण किसी को त्वचा या आंख से जुड़ी परेशानी आ जाए, तो रंग में भंग पड़ जाता है। कई बार चोट लग जाती है तो कुछ लोगों को वायरल संक्रमण हो जाता है। इसलिए त्योहार की खुशी और बढ़ जाएगी, यदि आप अपनी सुरक्षा का भी खयाल रखें। इस त्योहार की अच्छी यादें बाद तक बनी रहें, इसके लिए कुछ सावधानियां बरतें।

होली खेलने से पहले

होली खेलने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए ताकि बाद में अफसोस न रहे। जैसे त्वचा को माइश्चराइज करना यानी नमी बनाकर रखना बहुत जरूरी होता है। दरअसल, सूखी त्वचा पर चढ़े रंग आसानी से नहीं उतरते। साथ ही ये रंग इतने जिद्दी भी होते हैं कि इन्हें हटाने में त्वचा पर रैशेज आ सकते हैं।

– त्वचा पर माइश्चराइजर लगाकर बाहर निकलें।

– इन दिनों धूप तेज होने लगी है। होली खेलने जा रहे हैं तो सनस्क्रीन लगाकर जाएं। यह आपकी त्वचा को धूप में झुलसने से भी बचाएगा।

– माइश्चराइजर नहीं तो त्वचा पर कोई तैलीय क्रीम या फिर तेल भी लगा सकते। इससे रंगों का विपरीत असर पड़ने का खतरा नहीं रहेगा

– बालों को खतरनाक कृत्रिम रंगों और गुलाल से बचाने का पूरा प्रयास करें। इन रंगों से आपके बाल रूखे, बेजान और कमजोर हो सकते हैं। इससे बालों का पोषण भी छिन सकता है।

– आंखों में रंग या गुलाल न जाने पाए, इसके लिए आप चश्मे का प्रयोग कर सकते हैं।

– वायरल संक्रमण से बचने के लिए या संक्रमित हो जाएं तो उससे बेहतर तरीके से निपटने के लिए विटामिन सी, विटामिन 12 की गोली ले सकते हैं।

– यदि आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप के मरीज हैं तो खानपान में सतर्कता रखनी है। पहले देख लें कि आपका शुगर नियंत्रित है या नहीं।

– कृत्रिम रंगों में ब्रोमाइड के अलावा क्रोमियम, कापर सल्फेट, आयरन सल्फाइड, जिंक, निकिल, ब्लैक लेड, आक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड, मर्करी सल्फेट, टाइटेनियम, कोबाल्ट, कोबाल्ट अमोनिया, कापर सहित कई हानिकारक तत्व और धातु मिले होते हैं। इनसे त्वचा कैंसर तक होने का खतरा रहता है।

– सूखे और हर्बल रंगों का प्रयोग बेहतर रहता है। गीले रंगों से खेलना है तो अधिक देर तक पानी में रहने से भी परहेज करें।

ऐसे कर सकते हैं अपनी सुरक्षा

– पूरी बाजू के कपड़े पहनें। आप त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए वाटरप्रूफ कपड़े भी पहन सकते हैँ।

– नाखूनों की सुरक्षा के लिए कुछ महिलाएं नेल पेंट लगाती हैं, यह अच्छा तरीका है।

– आंखों का खयाल रखने के बावजूद यदि उनमें रंग या गुलाल चला जाए तो आंखों को तुरंत साफ पानी से धोएं। यदि जलन बनी रहे तो चिकित्सक से सलाह लें।

– रंग भरा गुब्बारा लग जाए और इस चोट के कारण खून निकल आए तो घबराएं नहीं। पहले सूती कपड़े से आंखों को ढंकें।

– त्वचा की एलर्जी या आंखों में एलर्जी हो गई है या सूजन आ गया है तो ऐसी स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

– चिकित्सक ने खानपान में नियंत्रण रखने की सलाह दी है तो इसका जरूर ध्यान रखें।

– एक दिन की बात है क्या होगा अपनी पसंदीदा मिठाई या खाना खाएं, यह बात तब लागू होगा जब आपका शुगर नियंत्रण में हो।

– बाजार की मिठाइयों या खानपान से दूरी रखें या गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही उसका सेवन करें।

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