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उत्तराखंड

*खालिस्तानी अमृतपाल की सुरक्षा में बड़ी चूक, जेल अधीक्षक को किया गिरफ्तार*

असम (Assam) पुलिस ने डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें खालिस्तानी अमृतपाल सिंह और उसके 9 सहयोगियों की सुरक्षा में चूक के मामले में अरेस्ट किया गया है। यही नहीं निपेन दास पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा आपराधिक साजिश रचने, असम पिज्नर्स ऐक्ट के तहत भी उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। डिब्रूगढ़ जिले के अडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (क्राइम) सिजल अग्रवाल ने कहा कि गुरुवार की रात को निपेन दास को अरेस्ट किया गया।

अग्रवाल ने बताया, ‘यह मामला जेल के अंदर सुरक्षा चूक से जुड़ा है, जो बीते महीने सामने आया था। कई राउंड की जांच के बाद हमने निपेन दास को अरेस्ट किया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। वह जेल के मुखिया थे। ऐसे में चूक की जिम्मेदारी भी उनकी बनती है।’ इससे पहले असम के डीजीपी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने 17 फरवरी को खुलासा किया था कि बहुत सारे अवैध गैजेट्स को डिब्रूगढ़ जेल के एनएसए सेल से बरामद किया गया है। इन गैजेट्स में स्पाई कैम, स्मार्ट्फोन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ आदि शामिल हैं। बता दें कि वारिस पंजाब दे से जुड़े अमृतपाल सिंह और उसके कई सहयोगियों को इसी जेल में रखा गया है।

ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया था, ‘जेल स्टाफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा सेल की तलाशी ली थी। इस दौरान सिम के साथ कई स्मार्टफोन, कीपैड फोन, टीवी रिमोट, स्पाईकैम, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर समेत कई चीजें बरामद हुईं।’ इसके बाद डीजीपी खुद 20 फरवरी को जेल के दौरे पर गए थे। उन्होंने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी और एक मीटिंग भी की थी। इस मीटिंग के बाद कुछ अफसरों का ट्रांसफर भी किया गया था। इसके अलावा जांच का आदेश दिया गया था। इस लंबी जांच के बाद ही यह ऐक्शन लिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि कई राउंड की जांच के बाद जेल अधीक्षक को अरेस्ट किया गया है। उनसे अब पूछताछ की जा रही है। यही नहीं शुक्रवार सुबह जेल के कुछ और अधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया। इनसे भी पूछताछ का सिलसिला जारी है। एक जांच अधिकारी ने कहा कि यह गंभीर सुरक्षा चूक का मसला था। इस मामले में कुछ और अफसरों को अरेस्ट किया जा सकता है। बता दें कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को बीते साल अरेस्ट किया गया था। इसके बाद उस पर एनएसए लगाते हुए असम की जेल में बंद कर दिया गया था। बता दें कि डिब्रूगढ़ जेल को देश की सबसे पुख्ता सुरक्षा वाली जेलों में से एक माना जाता है।

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