उत्तराखंड
*मंडलायुक्त दीपक रावत ने सुनीं जनता की समस्याएं, अधिकारियों को दिए यह निर्देश*
हल्द्वानी। मंडलायुक्त दीपक रावत ने शनिवार को कैंप कार्यालय में जनता की समस्याएं सुनी। उन्होंने शिविर में आई अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया। साथ ही अवशेष पर विभागीय अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त के दरबार में अधिकांश शिकायतें, भूमि, पारिवारिक विवाद, अतिक्रमण से संबंधित रही। भूमि विवाद के मामले अत्यधिक होने पर आयुक्त दीपक रावत ने आम जनता से अपील की है कि लोग भूमि क्रय करने से पहले उसकी जांच तहसील स्तर से सुनिश्चित करेंं। इस बात का भी पता लगा लें कि भूमि वर्ग-1 की है या नहीं, अथवा भूमि पर बैंक से ऋण तो नहीं लिया है। इसके साथ भूमि के रजिस्ट्रीकरण के पश्चात शीघ्र दाखिल खारिज की कार्यवाही भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भूमि क्रय करने के पश्चात भूमि की चाहरदीवारी भी करें। जिससे भविष्य में होने वाली धोखाधड़ी से बचा जा सके।
जनसुनवाई में ललिता बमेठा निवासी रामपुर रोड हल्द्वानी ने विगत वर्ष ललित सिंह मेहरा से भूमि क्रय की थी। लेकिन ललित सिंह मेहरा ने उन्हें वर्ग-4 की भूमि विक्रय कर दी। विगत जनसुनवाई में आयुक्त ने दोनो पक्षों को तबल कर श्रीमती बमेठा को भूमि की धनराशि वापस दिलाने के निर्देश दिये गये थे। जनसुनवाई में ललिता बमेठा को 17 लाख रूपये की धनराशि के चैक वापस दिलवाये गये। 17 लाख की धनराशि वापस दिलाने पर ललिता बमेठा ने आयुक्त का धन्यवाद किया। इस बीच देवकी देवी पत्नी स्व. मथुरा दत्त जोशी निवासी जग्गीबंगर हल्दूचौड़ ने बताया कि उनके चार पुत्र हैं, वह काफी बीमार रहती है लेकिन पुत्रों द्वारा भरण पोषण हेतु धनराशि नहीं दी जाती है।
इसके साथ ही मनीष आर्या निवासी ज्योलीकोट ने बताया कि पारिवारिक विवाद के चलते उनके पति द्वारा मारपीट की जाती है। वहीं भूमिका, दीपाली एवं आरती पाल ने कॉलेज के शुल्क वापस करने का अनुरोध किया। जबकि रविन्द सिंह बिष्ट पोखरी जिला अल्मोड़ा ने भूमि में अवैध कब्जा हटाने का अनुरोध किया। सरोज बोहरा निवासी काठगोदाम ने आवासीय मकान को हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पम्प डीलर द्वारा चाहरदीवारी से नुकसान होने ,वनीता राजपूत निवासी काठगोदाम ने ओबीसी प्रमाण पत्र देने हेतु तथा डालचन्द्र सिंह निवासी महुवाडाबारा ने सरकारी रास्ते पर भवन निमार्ण को ध्वस्त कराने का अनुरोध किया। जनसुनवाई में आयुक्त ने अधिकांश शिकायतों का दोनों पक्षों को तलब कर समस्या का समाधान किया।