उत्तराखंड
*अंकिता हत्याकांड में साक्ष्य प्रस्तुत करने पर होगी त्वरित कार्रवाईः भरणे*
देहरादून। अंकिता भंडारी मर्डर केस में संघ पृष्ठभूमि के भाजपा पदाधिकारी का बतौर वीआईपी नाम सामने आने के बाद उत्तराखण्ड पुलिस ने अपना पक्ष रखा है। आईजी नीलेश आनंद ने कहा है कि अगर अंकिता के माता पिता कोई सबूत SIT को देते हैं तो जांच की जाएगी।
यहां जारी बयान में कहा गया है कि जांच व कोर्ट में गवाही के दौरान किसी वीआईपी का नाम सामने नहीं आया। महानिरीक्षक पी/एम एवं प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय नीलेश आनंद भरणे ने एक जारी बयान में बताया कि मीडिया और सोशल मीडिया पर अंकिता भण्डारी के माता-पिता द्वारा वर्तमान में अंकिता भण्डारी केस से सम्बन्धित तथाकथित वीआईपी के बारे में कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को नामित कर आरोप लगाया है। पूर्व में हुई विवेचना में इन महानुभाव से संबंधित तथ्यों को सम्मिलित नहीं किया गया है और इनके संबंध में अग्रिम विवेचना की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि न तो विवेचना के दौरान और न ही न्यायालय में गवाही के दौरान उनके द्वारा किसी वीवीआईपी के बारे में कोई बयान या साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। आरोप पत्र दाखिल होने के लगभग 13 माह के बाद मीडिया में पुलिस विभाग की कार्यवाही पर इस प्रकार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस का कहना है कि पुलिस विभाग की एसआईटी का नेतृत्व एक डीआईजी स्तर की अनुभवी और निष्ठावान महिला अधिकारी की ओर से किया जा रहा है। यदि अंकिता के माता-पिता के पास इस केस से संबंधित कोई नए साक्ष्य आए हैं तो वो आज भी एसआईटी के सामने उन्हें प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है। पुलिस विभाग उनके प्रस्तुत सभी नए तथ्यों के बारे में विधिसम्मत और त्वरित कार्यवाही करेगा। हम अंकिता के माता-पिता के प्रति पूरी सहानुभूति रखते हैं और उन्हें पुनः विश्वास दिलाते हैं कि अंकिता को न्याय दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।