उत्तराखंड
*मंडलायुक्त की जनता से अपील- चैक या ऑनलाइन माध्यम से करें भूमि खरीद-फरोख्त*
हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में शनिवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में जनसुुनवाई आयोजित हुई। आयुक्त श्री रावत ने आम जनमानस की समस्याओं एवं शिकायतों का संज्ञान गंभीरता से लिया, जिसमें विभिन्न लोगो ने पेयजल, सडक, विद्युत, पेंशन, अतिक्रमण, के साथ ही अधिकांश शिकायतें भूमि विवाद व मार्ग सम्बन्धित आयी।
आयुक्त ने जनसुुनवाई के दौरान अधिकतर समस्याओं एवं शिकायतों को निस्तारित करते हुए शेष समस्याओं व शिकायतों को दूरभाष के माध्यम से सम्बन्धित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र समाधान एवं निस्तारित करने के निर्देश दिए। कुमाऊं कमिश्नर ने जनसुनवाई के दौरान आम जनता से कहा कि भूमि क्रय करने या अन्य कार्य हेतु जो धनराशि दी जाती है उस धनराशि को ऑनलाईन या चैक से दी जाए नगद भुगतान की स्थिति में स्टाम्प पेपर की रसीद में लिखित रूप में दी जाए, ताकि जो धनराशि दे रहा है उस व्यक्ति के पास सबूत हों। जिससे भविष्य में होने वाली धोखाधड़ी से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई में इस प्रकार की अधिकांश समस्या आती है। काफी लोगों के पास धनराशि के लेनदेन का कोई सबूत नही होने से धोखाधड़ी करने वाले लोग फायदा उठाते हैं।
उन्होंने आम जनमानस से अपील की है कि धनराशि का लेनदेन बिना सबूतों के ना करें। आयुक्त ने मण्डल स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विभागो से अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त होते है उनके सेवानिवृत्त अभिलेख सेवानिवृत्त से 6 माह पूर्व पूर्ण कर लिए जाएं। जिससे सम्बन्धित सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने पर शीघ्र पेंशन तथा अन्य देयकों का भुगतान समय हो सकेगा। आयुक्त ने कहा कि जिन विभागों में मजदूरों के द्वारा सार्वजनिक या अन्य कार्य किये जाते है उन मजदूरों का अनुबंध/एग्रीमेंट अवश्य कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इससे भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकेगा। रमा देवी निवासी बसगांव ने बताया कि उन्होेने वर्ष 2016 एक भूमि 900 वर्ग फीट क्रय की थी लेकिन उनका खेत नम्बर गलत खाते में दर्ज हो गया है। उन्होंने राजस्व उप निरीक्षक से वार्ता की उन्होंने बताया कि खेत नम्बर व प्लाट का 143 हो जायेगा। लेकिन आज तक ना खेत नम्बर सही दर्ज नही हुआ साथ ही 143 भी नही हुआ है। उन्होने बताया कि इस कार्य के लिए उन्होंने पटवारी को 40 हजार की धनराशि दी। जिस पर आयुक्त ने गम्भीरता से लेते तहसीलदार को पटवारी के आरोप पत्र देेने के साथ ही जिलाधिकारी को अनुशासनिक जांच के आदेश दिये।