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*स्पर्श गंगा अभियान जल को बचाने का अभियान- मैती*

ऋषिकेश। हिमालयन एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (हर्डस) उत्तराखंड के तत्वावधान में आज गंगोत्री विद्या निकेतन बापूग्राम में स्पर्श गंगा दिवस के अवसर पर स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि पदमश्री कल्याण सिंह रावत ‘मैती’ ने कहा कि गंगा जीवनदायिनी है, इसका  जल अमृत है, उसको प्रदूषित होने से बचाना होगा। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के चलते तेजी से ग्लेशियर पिघलने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेताया कि यदि हम सावधान नहीं हुए तो सन 2050 तक आते-आते पानी का संकट गहरा सकता है । विशिष्ट अतिथि वीर चंद्र पोखरिया ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि स्पर्श गंगा दिवस के अवसर पर समाज में अपने कार्यों से एवं शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रेरणाप्रद शिक्षकों के सम्मान समारोह में सम्मिलित होने का हमें अवसर प्राप्त हो रहा है। निश्चित ही यह कार्यक्रम हमरी युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य करने हेतु प्रेरित करेगा। हर्डस के संस्थापक सदस्य प्रो0 प्रभाकर बडोनी ने उपस्थित जन समुदाय व बच्चों से पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लिया।

हर्डस के सचिव  व कुमाऊं विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो0 अतुल जोशी ने  विस्तार से स्पर्श गंगा के अभियान को सामने रखा तथा कहा कि पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं स्पर्श गंगा अभियान के प्रणेता डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक की प्रेरणा से प्रति वर्ष हर्ड्स संस्था द्वारा शैक्षणिक माहौल बनाने और बहुआयामी कार्य से शैक्षणिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने समेत विभिन्न प्रतिभाओं के आधार पर इन शिक्षकों का चयन किया जाता है। समाजसेवी संजय शास्त्री ने कहा कि बच्चे प्रकृति के चितेरे संवाहक होते हैं, उनको जल संक्षण के लिए आगे आना होगा। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उत्तराखंड के तीन शिक्षकों, टनकपुर राजकीय महाविद्यालय के संगीत विभागाध्यक्ष डॉ पंकज उप्रेती, पन्ना लाल भल्ला म्यू0 इन्टर कालेज हरिद्वार के रसायन विज्ञान प्रवक्ता डॉ0 एस0 पी0 सिंह तथा राजकीय इन्टर कालेज, बसुकेदार, रुद्रप्रयाग के अध्यापक जगदीश टम्टा को स्पर्श गंगा शिक्षकश्री सम्मान- 2023 से पुरस्कृत /सम्मानित किया गया, जिसके अंतर्गत इन सभी शिक्षकों को 11 हजार रूपये नकद, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

उलेकखनीय है कि वर्ष 2019 से प्रारंभ किये गये इस पुरस्कार से अब तक उत्तराखंड राज्य के 18 शिक्षकों को सम्मानित किया जा चुका है। मैती संस्था के संस्थापक कल्याण सिंह रावत ने प्रभाकर बडोनी को 2023 के मैती सम्मान से भी नवाजा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद  बंशीधर पोखरियाल ने आज के विषम समय मे स्पर्श गंगा के अभियान को एक जरूरी अभियान बताया। इससे पूर्व विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद मलासी,रामप्रसाद उनियाल,प्रबोध उनियाल व संचालिका निधि पोखरियाल ने मंचासीन उपस्थितियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। स्पर्श गंगा दिवस पर स्कूली बच्चों ने उत्तराखंड की संस्कृति को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों की शृंखलाबद्ध प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सुनील थपलियाल ने किया। कार्यक्रम में डॉ सर्वेश उनियाल, डॉ कंचनलता सिन्हा, डॉ वीरेंद्र नाथ गुप्ता डॉ विनोद जोशी, डॉ जीवन चंद्र उपाध्याय, पेड़ गुरु धन सिंह घरिया, अंजना कंडवाल, रामप्रसाद उनियाल, यज्ञव्रत पोखरियाल,  गौरा देवी ,संतोषी खंतवाल, चमन व प्रवेश आदि उपस्थित रहे।

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