उत्तराखंड
*इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या बन रही है भौमवती अमावस्या*जानिए महत्व,शुभ मुहूर्त, स्नान दान का शुभ मुहूर्त।*
हमारे सनातन धर्म ग्रंथो के अनुसार सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष का प्रारंभ किया था। मार्गशीर्ष मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। कार्तिक अमावस्या की तरह ही इस दिन भी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस बार सन 2023 में मार्गशीर्ष अमावस्या कुछ और महत्वपूर्ण बनने जा रही है इस दिन घृति योग एवं मंगलवार होने से भौमवती अमावस्या का योग बनता है।
इस अमावस्या के दिन मुख्य रूप से पितरों की संतुष्टि के लिए दान पुण्य करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। और मुख्य रूप से किसी पवित्र नदियां जैसे हरिद्वार प्रयाग आदि में स्नान का बहुत महत्व माना गया है। इसके अतिरिक्त इस दिन जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष है इस दिन दान पुण्य करना उन जातकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और इसके अतिरिक्त इस दिन यंत्र एवं ताबीज आदि बनवाना अन्य दिनों की अपेक्षा सोमवती अमावस्या या भौमवती अमावस्या के दिन बनाना बेहतर होता है।
शुभ मुहूर्त
इस बार दिनांक 12 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को 55 घड़ी तीन पाल अर्थात अगले दिन प्रात 5:01 बजे तक अमावस्या तिथि है। यदि नक्षत्र की बात करें तो इस दिन अनुराधा नामक नक्षत्र 12 घड़ी 13 पल अर्थात दोपहर 11:53 बजे तक है। यदि घृति नामक योग की बात करें तो इस दिन 29 घड़ी 28 पल अर्थात शाम 6:45 बजे तक घृति नामक योग है।
स्नान का मुहूर्त
यदि स्नान के मुहूर्त की बात करें तो इस दिन प्रात 5:14 बजे से प्रातः 6:09 बजे तक स्नान का शुभ मुहूर्त है इस दौरान आप किसी तीर्थ स्थल समीप नदी में स्नान कर सकते हैं।
पितृ पूजन का मुहूर्त
पितृ पूजन और दान पुण्य के मुहूर्त की बात करें तो इस दिन दोपहर 11:54 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक पितृ पूजन और दान पुण्य का शुभ मुहूर्त है।
लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित प्रकाश जोशी