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उत्तराखंड

*एसटीएफ के चक्रव्यूह में फंसा एक और कुख्यात- पांच साल से फरार था यह हत्यारोपी, किया गिरफ्तार*

देहरादून। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल के बनाये चक्रव्युह में फिर एक और कुख्यात शातिर हत्यारा फंस गया है। पुलिस ने इस हत्यारे की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था। वह पिछले पांच सालों से लगातार फरार चल रहा था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा मामले की जानकारी देते हुये बताया कि एक व्यक्ति की हत्या के प्रकरण में थाना रानीपुर जनपद हरिद्वार में पंजीकृत मु0अ0सं0 270/18 धारा 302, 354(क) भादवि में कुख्यात अपराधी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत पुत्र स्व0 रामस्वरुप उर्फ रामा निवासी लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार की धरपकड़ हेतु उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा प्रयास किये जा रहे थे, जिसके फलस्वरुप उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम द्वारा देर रात को रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश में दबिश देकर पिछले 05 वर्षो से वांछित कुख्यात ईनामी हत्यारे वीर सिंह को गिरफ्तार किया गया । इस प्रकरण के सम्बन्ध में एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त वीर सिंह सैनी उर्फ भगत द्वारा लेबर कालोनी रानीपुर हरिद्वार में 10 अगस्त 2018 को वादी की पुत्री के साथ छेड़छाड़ की घटना की गयी जिसका जिसका विरोध उसके भाई हेमन्त द्वारा किया गया तो 03 अभियुक्तो वीर सिंह, बलवीर एवं विरेन्द्र द्वारा हेमन्त के साथ मारपीट कर उसके सिर पर चोट मारकर हत्या कर दी गयी।

तीनों अपराधी मौके से फरार हो गये थे। जिसमे से हरिद्वार पुलिस द्वारा एक अभियुक्त वीरेन्द्र को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना में शामिल अन्य 02 अभियुक्त वीर सिंह व बलबीर सिंह तब से लगातार फरार चल रहे थे। इन दोनो अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। ये दोनों ईनामी हत्यारे एसटीएफ की रडार पर थे, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पिछले काफी समय से एसटीएफ लगातार प्रयास कर रही थी। जिसके फलस्वरुप कल देर रात को अभियुक्त वीर सिंह की गिरफ्तारी रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर से सम्भव हो सकी है। फरार दोनो अभियुक्त घटना से पहले थाना रानीपुर, हरिद्वार क्षेत्र में लेबर कालोनी में झोपड़ी लगाकर रहते थे जो खानाबदोश जीवन व्यतीत कर रहे थे जिनका कोई स्थाई पता नही था। गिरफ्तार होने पर अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि पुलिस से बचने के लिये वह अपना भेष बदलकर यूपी के अलग अलग स्थानों में रह रहा था, उसने यह भी बताया कि घटना के बाद से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये बाबा का भेष बनाकर अलग-अलग मंदिरों मे रहता था।

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