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उत्तराखंड

*आयुक्त के निर्देश- भीमताल क्षेत्र में अवैध रूप से हो रही भूमि खरीद-फरोख्त पर लगे तत्काल रोक, किसानों के नाम दर्ज हो भूमि*

हल्द्वानी। आयुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में शनिवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में जनसुुनवाई आयोजित हुई। आयुक्त श्री रावत ने आम जनमानस की समस्याओं एवं शिकायतों का संज्ञान गंभीरता से लिया। जिसमें विभिन्न लोगों ने पेयजल, सड़क, विद्युत, पेंशन, अतिक्रमण, विद्युत, के साथ ही अधिकांश शिकायतें  भूमि विवाद सम्बन्धित आयी।

आयुक्त ने जनसुुनवाई के दौरान अधिकतर समस्याओं एवं शिकायतों  को निस्तारित करते हुए शेष समस्याओं व शिकायतों को दूरभाष के माध्यम से सम्बन्धित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र समाधान एवं निस्तारित करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में हल्द्वानी निवासी माधोसिंह देवडी पूर्व सैनिक ने वर्ष 2021 में फ्लैट एवं 7 नाली भूमि महेन्द्र सिंह पंवार से पदमपुरी में 85 लाख धनराशि देकर क्रय की थी। लेकिन महेन्द्र सिंह पंवार ने ना ही भूमि और फ्लैट के साथ ही धनराशि भी वापस नहीं की। विगत दिनों आयुक्त की जनसुनवाई में आयुक्त ने निर्देश दिये कि धनराशि वापस कर दी जाए। जिसके क्रम में शनिवार को आयुक्त की जनसुवाई में आयुक्त क्रेता एवं विक्रेता को तलब किया। आयुक्त ने निर्देशों पर विगत दिनों 16.50 लाख रूपये पंवार से नगद भुगतान कर दिया है तथा अगले सप्ताह शेष धनराशि के एवज में 7 नाली भूमि की रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भविष्य में विक्रेता द्वारा आनाकानी करने पर लैंडफ्राड में मुकदमा दर्ज किया जायेगा।

किच्छा निवासी पुष्पा ने बताया कि उन्होंने 120 गज प्लाट 2 लाख 80 हजार की धनराशि देकर क्रय किया था गोविन्द सिंह निवासी किच्छा से जो भूमि क्रय की थी वह भूमि पूर्व में बिक चुकी थी। लेकिन गोविन्द सिंह द्वारा धनराशि वापस नही की जा रही थी। आयुक्त ने जनसुनवाई में गोविन्द सिंह से 50 हजार की धनराशि पुष्पा को विगत दिनों वापस दिलाई साथ ही चार माह के भीतर शेष 2 लाख 30 हजार धनराशि वापस देने के भी निर्देश दिये। भीमताल क्षेत्र में कुछ जमीनें हैं, वर्तमान में किसान लगभग 100 वर्षो से काबिज हैं, लेकिन उनके नाम का दाखिल खारिज नही हो पाया। खतौनी में पुराने लोगों का नाम ही विरासतन चल रहा है। कुछ लोग फायदा उठाकर लैंडफ्राड कर जमीनों का विक्रय कर रहे हैं। उन्होंने तहसीलदार को निर्देश दिये हैं कि किसका कब्जा है अगर कब्जा ही नही है तो दाखिल खारिज ना हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जिन किसानों का लम्बे समय से नाम खतौनी में दर्ज नही है। उन्होने क्षेत्र के किसानों कहा कि अपने बैनामे के आधार पर अभिलेख तहसील कार्यालय में प्रस्तुत कर नाम दर्ज करवा लें। जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतों का आयुक्त द्वारा मौके पर ही निदान किया गया तथा शेष शिकायतो के लिए दोनों पक्षों को आगामी जनसुनवाई में तलब किया।

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