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उत्तराखंड

पुण्यतिथि पर विशेष: अभिनेता निर्मल के नाम राज्य के दो CM की घोषणाओं के पूरा होने का इंतजार…

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नैनीताल के बेटे व बालीवुड के चहेते निर्मल पांडे का कुमाऊं में एक्टिंग स्कूल का सपना अभी अधूरा है। 18 फरवरी 2010 को महज 48 वर्ष की उम्र में मुंबई में दिल का दौरा पडऩे पर वह दुनिया को अलविदा कह गए थे। निर्मल पांडे बालीवुड के संघर्ष से भलीभांति वाकिफ थे। उन्हें पता था कि पहाड़ के कलाकारों के लिए राह आसान नहीं है। प्रशिक्षण देने के बाद ही उन्हें मुंबई तक पहुंचाया जा सकता है्र। इसीलिए वह यहां एक्टिंग स्कूल खोलना चाहते थे। वह जानते थे कि राज्य के युवाओं में टैलेंट की कमी नहीं।

निर्मल के बड़े भाई रंगकर्मी मिथिलेश पांडे कहते हैं कि निर्मल के नाम पर आडिटोरियम बनाए जाने को लेकर राज्य के दो मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक व हरीश रावत की घोषणाओं के पूरा होने का इंतजार है। एक्टिंग स्कूल के लिए निर्मल रानीखेत के चिलियानौला में जगह भी चुन चुके थे। निर्मल ने फिल्म ‘इस रात की सुबह नहीं, दायरा : दि स्क्वायर सर्किल, ट्रेन टू पाकिस्तान, हम तुम पे मरते हैं, लैला, प्यार किया तो डरना क्या, वन टू का फोर, शिकारी समेत हातिम, प्रिंसेज डाली और उसका मैजिक बैग जैसे कई टीवी सीरियल में भी काम किया। अमोल पालेकर की दायरा फिल्म के लिए 2002 में उन्हें बेस्ट एक्टर वैलेंती अवार्ड भी मिला।

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