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उत्तराखंड

बारिश का कहर: नैनीताल के हंस निवास क्षेत्र में आयी मकान में दरारें , खूपी गांव में भी भारी भूस्खलन

नैनीताल।जिला मुख्यालय  तथा आस पास केक्षेत्रों में गुरुवार को दिनभर बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। बारिश की वजह से जिला मुख्यालय के शेरवानी क्षेत्र हंसनिवास मे दीपा देवी के मकान की दीवार मे भारी बारिश से दरारें आई व छत मे लगा बिजली का पोल भी निचे आने को तैयार जिससे परिवार भयभीत है भाजपा मंडल उपाध्यक्ष भूपेंद्र बिष्ट ने इसकी सूचना तुरंत जिला प़शासन को दी तथा उनके तुरंत विस्थापन की अपील की है, वहीं दूसरी ओर नगर से कुछ दूरी पर स्थित खूपी गांव में भूस्खलन हुआ
है जिससे ग्रामीण दहशत के साएं में जीने को मजबूर हो गए हैं। वही गांव के
पानी का मुख्य श्रोत प्राचीन नौला भी चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया
है, जिससे परिवारों के सामने पेयजल का भी संकट आ गया है। भूस्खलन के बाद
ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है। दूसरी ओर नैनीताल में गुरुवार को दिनभर
में 40 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी है। दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश
की वजह से नैनी झील का जलस्तर 8 फीट 5 इंच पहुंच गया है। इस बीच लगातार
हो रही बारिश के बाद से जिले के कुल 19 मोटर मार्गो में यातायात बंद हो
गया है।
बता दें नगर में बीती रात से बारिश शुरू हो गई थी, जो शाम को चार बजे तक
जारी। बारिश की जाती कभी तेज तो कभी मध्यम क्रमवार जारी रहा। स्कूलों में
अवकाश के चलते बच्चे घरों से बाहर नहीं निकल सके, जबकि नगर की सैर पर
पहुंचे सैलानी भी होटलों में दुबकने के लिए मजबूर हुए। इस बीच नाले उफान
पर रहे और सड़कें भी जलमग्न हो गई। दैनिक मजदूर दिहाड़ी से विरत रहे,
रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हुए। शाम चार बजे बारिश थमने के कुछ ही देर
बाद तेज धूप निकल आई। जिससे लोगों ने राहत महसूस की और जनजीवन समान्य हो
पाया। लगातार बारिश से नैनी झील का जलस्तर में काफी सुधार आ गया है, जो
साढ़े आठ फीट पहुंच गया है। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी नवीन
धुसिया ने बताया कि दिनभर में 40 मिलीमीटर बारिश हुई है वहीं अधिकतम
तापमान 21 व न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस रहा।
दूसरी ओर ज्योलीकोट नैनीताल जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित खूपी
गांव में भूस्खलन हुआ है, जिससे लीलाधर और विरेंद्र पाल के आवास को खतरा
पैदा हो गया है वही गांव के पानी का मुख्य श्रोत प्राचीन नौला भी चपेट
में आकर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे परिवारों के सामने पेयजल का भी
संकट आ गया है। भूस्खलन के बाद ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है।
उल्लेखनीय है कि पाइंस नाले से इस इलाके में दशकों से लगातार भूकटाव के
कारण पूरा गांव धंसता जा रहा है, और भूस्खलन होता रहता है। लगभग सभी
आवासीय भवनों में धंसाव और दरारें आ चुकी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि
तमाम शिकायत के बावजूद ना तो जनप्रतिनिधि सुन रहे है और ना ही शासन
प्रशासन ग्रामीणों की सुधबुध ले रहा है। गांव के प्रदीप कुमार, प्रदीप
त्यागी,पुनीत कुमार, संजय कुमार ने बताया कि यदि पाइंस नाले में सुरक्षा
उपाय नहीं किए जाते है तो खूपी गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

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