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उत्तराखंड

*शम्भू नदी में बनी झील से नहीं है किसी प्रकार का खतरा, सिंचाई विभाग ने निरीक्षण के बाद किया दावा*

मुनस्यारी। बागेश्वर जिले में शम्भू नदी से किसी प्रकार का खतरा नहीं बना है। नदी में बनी झील का मुहाना पूरी तरह खुला हुआ है। यह दावा सिंचाई विभाग ने अधिकारियों के निरीक्षण के बाद किया है।

दरअसल, बागेश्वर जिले के कपकोट विकासखंड से करीब 80 किमी दूर ग्राम कुंवारी के समीप बहने वाली शम्भू नदी पिण्डर नदी की एक सहायक नदी है। जो अपने उद्गम स्थल से लगभग 2.5 किमी प्रवाह कर पिण्डर नदी में मिलती है। पिण्डर नदी, चमोली जिले के कर्णप्रयाग में अलकनन्दा नदी में मिलती है। ग्राम कुंवारी में वर्ष 2013 से लगातार भू- कटाव और भूस्खलन हो रहा है। जिसका मलवा लगभग 150 से 180 मीटर लम्बाई, 80 से 100 मीटर चौड़ाई और 5 से 7 मीटर ऊंचाई में शम्भू नदी के प्रवाह मार्ग में जमा होने से कुंवारी गांव से नदी की ओर लगभग 500 मीटर लम्बाई में झील का निर्माण गत वर्ष हुआ था। जिसे विभाग द्वारा चैनेलाईजेशन कार्य कराकर नदी के प्रवाह मार्ग को खोल दिया गया था। इधर दो दिन पहले इस नदी में झील बनने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया।

आशंका जताई जाने लगी कि यह झील बागेश्वर समेत चमोली जिले के कई गांवों को नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही इससे नीचे बसे गांवों को खतरा उत्पन्न होने का अंदेशा जताया जाने लगा। लेकिन इन आशंकाओं पर सिंचाई विभाग ने विराम लगाया है। सिंचाई विभाग कपकोट के अधिशासी अभियंता पान सिंह बिष्ट ने बताया कि वर्तमान में ग्रामवासियों व ग्राम प्रधान ने नदी में उस स्थल पर इस बार भी वर्षा के कारण मलवा आने से इस झील का मुहाना बन्द होने से जलस्तर बढ़ रहा है।

जिस पर खण्ड के अपर सहायक अभियन्ता तरूण लुम्याल ने इलाके का स्थलीय निरीक्षण किया। जिसमें पाया गया कि झील का मुहाना पूर्ण रूप से खुला हुआ है और पानी की निकासी 15 से 20 मीटर की औसत चौड़ाई से हो रही है। वर्तमान में कुंवारी गांव के भूस्खलन से आया मलवा नदी के तल में लगभग 50 से 60 मीटर की लम्बाई और 5 से 7 मीटर की ऊंचाई में जमा है। वर्तमान में पानी की निकासी, नदी के बायें पार्श्व से 15 से 20 मीटर की औसत चौड़ाई और लगभग 1.5 से 2.0 मीटर गहराई से हो रही है। इस झील से वर्तमान में किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न नहीं है।

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