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श्री गंगोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद । देश विदेश से आये हजारों श्रद्धालु बने साक्षी।

 

उत्तरकाशी/गंगोत्री।विश्व प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट बुधवार , 22 अक्तूबर (कार्तिक 6 गते) को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में प्रातः 11 बजकर 36 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए प}हैं। श्री गंगोत्री धाम में उपस्थित  देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर  गंगा जी की उत्सव मूर्ति के दर्शन कर पूजा में भाग लिया। कपाटबंदी के बाद मां गंगा के जयकारों के साथ गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर परम्परानुसार  मुखवा गांव के लिए प्रस्थान करवाया गया। तीर्थ पुरोहितों की अगवानी में  गंगा जी की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ रवाना हुई। डोली यात्रा आज रात्रि में चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में प्रवास करेगी। गुरुवार को सोमेश्वर देवता की आगवानी में भैयादूज के पर्व पर गंगा जी की डोली यात्रा मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। शीतकाल में श्रद्धालु मुखवा स्थित गंगा मंदिर में गंगा जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगें।

कपाटोद्घाटन से कपाटबंदी तक इस बार 757010 तीर्थयात्रियों द्वारा गंगोत्री धाम में दर्शन किए गए।

 

 

उधर यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी  23 अक्टूबर को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12:30 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में  यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी।

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