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नैनीताल में मस्जिद को लेकर फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार पर नाराजगी, प्रशासन से जांच की मांग

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नैनीताल में मस्जिद को लेकर फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार पर नाराजगी, प्रशासन से जांच की मां

 

नैनीताल: मस्जिद के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए भ्रामक प्रचार से मुस्लिम समुदाय के लोग स्तब्ध और नाराज हैं। उनका कहना है कि इस तरह के झूठे प्रचार के जरिए समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश की जा रही है। इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय ने जिला प्रशासन सहित संबंधित विभागों को पत्र भेजकर तत्काल इस भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

 

समाजसेवी हामिद अली ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल की गई, जिसमें दावा किया गया कि नैनीताल के समीप स्थित झील के पास एक आलीशान मस्जिद बनाई गई है और इसके अभिलेख कहीं नहीं मिलते। यह खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है, क्योंकि हकीकत यह है कि जामा मस्जिद नैनीताल की स्थापना 1882 में ब्रिटिश काल में हुई थी और इसका पंजीकरण वक्फ बोर्ड के तहत नंबर 32 है। मस्जिद और नगर के सभी धार्मिक स्थलों के अभिलेख संबंधित विभाग में सुरक्षित हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर कोई भी देख सकता है।

 

हामिद अली ने यह भी बताया कि इस तरह के बेबुनियाद प्रचार को पहले भी सोशल मीडिया पर फैलाया गया था, विशेषकर यू-ट्यूब चैनल द्वारा, जिसमें मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए और प्रशासन पर गलत आरोप लगाए गए थे। अंजुमन इस्लामिया नैनीताल ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी को पत्र भेजकर वास्तविकता से अवगत कराया और इस भ्रामक प्रचार पर सख्त रोक लगाने की अपील की थी।

 

हामिद अली ने कहा, इस झूठे प्रचार से पूरा मुस्लिम समुदाय आहत है। जो लोग इस तरह के भ्रामक समाचार फैला रहे हैं, वे नगर की शांति और सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस मामले की पारदर्शी जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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